नितीश जी को à¤à¤• पतà¥à¤°: हम बिहारी लोग लूजर तो हैं…
Petitioning: Bihari Swabhiman
Petitioner: S K Surya started on September 21, 2015
नितीश जी!
मैं बिहार में पैदा हà¥à¤†, सà¥à¤•à¥‚ली पà¥à¤¾à¤ˆ à¤à¥€ कमोबेश बिहार में ही हà¥à¤ˆ. बारहवीं के बाद हमारी ककà¥à¤·à¤¾ के जो लोग आगे पà¥à¤¨à¤¾ चाहते थे वो दिलà¥à¤²à¥€, उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• आदि राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में चले गà¤. जो कमाना चाहते थे वो मà¥à¤‚बई, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ और अरब देशों में चले गà¤. हमको लगता था कि शायद बिहार में पà¥à¤¨à¥‡ लायक लड़के और पà¥à¤¾à¤¨à¥‡ योगà¥à¤¯ शिकà¥à¤·à¤• कम है, इसीलिठयहाठकॉलेज कम हैं. जिस कॉलेज में मैं गया वहां 20% छातà¥à¤° और 80% अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• बिहारी थे, लेकिन कॉलेज बिहार में नहीं था.
जब बाकी की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ वरà¥à¤£à¤®à¤¾à¤²à¤¾ और गिनती सीख रही थी तब जिस बिहार में नालंदा और विकà¥à¤°à¤®à¤¶à¤¿à¤²à¤¾ जैसे विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ हà¥à¤† करते थे. चीन जापान और बाकी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ जिस बिहार में पà¥à¤¨à¥‡ आते थे, आज उस बिहार का यà¥à¤µà¤¾ सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• सà¥à¤¤à¤° की पढाई के लिठà¤à¥€ मारा-मारा फिर रहा है. à¤à¤—वानॠबà¥à¤¦à¥à¤§ को जिस बिहार में जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆ, उसी बिहार की साकà¥à¤·à¤°à¤¤à¤¾ दर देश में सबसे कम है. हम बिहारी लोग लूजर तो हैं.
पà¥à¤¾à¤ˆ ख़तम करने के बाद नौकरी के लिठमà¥à¤‚बई गया, पटना में नौकरी नहीं थी. दिन में 10-10 घंटे मेहनत करने के बाद अमेरिकी कंपनी तनखà¥à¤µà¤¾à¤¹ देती थी, उस तनखà¥à¤µà¤¾à¤¹ का 75% से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हिसà¥à¤¸à¤¾ हम मà¥à¤‚बई में ही बाà¤à¤Ÿ देते थे. 25% बिहार à¤à¥‡à¤œà¤¤à¥‡ थे, अपने घर, वो à¤à¥€ छोटे à¤à¤¾à¤ˆ बहनों की पà¥à¤¾à¤ˆ के नाम पर दिलà¥à¤²à¥€ चला जाता था. अपनी कमाई का 75% जिस राजà¥à¤¯ को दिया, उस राजà¥à¤¯ के जिस राज ठाकरे को मेरा अहसानमंद होना चाहिठथा, वो हमसे पूछते थे कि तà¥à¤® बिहारी यहाठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आये, à¤à¤¾à¤— जाओ. हम विदेशों से पैसा लाकर देने के बावजूद गरियाठजाते थे. हम बिहारी लोग लूजर तो हैं.
बिहार से बाहर रहने का दà¥à¤ƒà¤– हमेशा था. सोचा कि खà¥à¤¦ ही कà¥à¤› करें. आपकी राजनीतिक बिरादरी से तो हम लूजरà¥à¤¸ को कोई उमà¥à¤®à¥€à¤¦ थी à¤à¥€ नहीं. लगा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¶à¤¨à¤¿à¤• सेवा में जाना चाहिà¤. अगर चयनित हो गठतो कम से कम ये आप लोगों की सरकारी मशीनरी को नजदीक से देख पाते. आखिर पता तो चलता कि हम लूजर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हैं. हर साल सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ थे कि यूपीà¤à¤¸à¤¸à¥€ की परीकà¥à¤·à¤¾ में बिहारी लोग काफी संखà¥à¤¯à¤¾ में चयनित होते हैं, इसीलिठये विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ था कि कम से कम यूपीà¤à¤¸à¤¸à¥€ की कोचिंग तो बिहार में मिल ही जायेगी. à¤à¥‚ल गया था मैं कि मेरी तरह कोचिंग देने वाले बिहारी à¤à¥€ लूजर हैं. वो दिलà¥à¤²à¥€ और जयपà¥à¤° में जाकर कोचिंग देते हैं, बिहार में नहीं. पूछने पर पता चला कि बिहार सरकार बिजली नहीं दे पाती. जो लोग सोलर और डीजल पॉवर के सहारे कà¥à¤› करने की कोशिश करते हैं उनको सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ नहीं दे पाती. जो लोग अपनी गाà¥à¥€ कमाई का à¤à¤• बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ अपने इलाके के बाहà¥à¤¬à¤²à¥€ को देकर अपनी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ खरीदते हैं तो उनको आपकी सरकार जीने नहीं देती. ‘बà¥à¤¯à¥‚रोकेटिक’ चकरी में पीस दिया जाता है उनको.
अब अहसास हà¥à¤† कि हम लूजर ही नहीं, घनघोर लूजर हैं. दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में लोग रोते हैं कि हमारी सरकार हमारे लिठकà¥à¤› कर नहीं रही, हम बिहारियों का दà¥à¤ƒà¤– है कि हमारी सरकार ही हमें कà¥à¤› करने नहीं देती, हम कà¥à¤› करना चाहें तो अडंगा लगा देती है. हम बिहारी लोग लूजर तो हैं.
जो राजà¥à¤¯ खनिज समà¥à¤ªà¤¦à¤¾ में, देश के सबसे धनी राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को छोड़िये, दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के कई बड़े देशों से à¤à¥€ अमीर है, संà¤à¤µà¤¤à¤¯à¤¾ à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° राजà¥à¤¯ जिसके पास पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• समà¥à¤ªà¤¦à¤¾, कृषि योगà¥à¤¯ à¤à¥‚मि, कà¥à¤¶à¤² शà¥à¤°à¤® सब कà¥à¤› है, जिस राजà¥à¤¯ की समृदà¥à¤§à¤¿ की बदौलत यूरोप में औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति आ गयी, आज उसी बिहार का यà¥à¤µà¤¾ à¤à¤• अदनी सी नौकरी के लिठदर-दर की ठोकरें खा रहा है. हम बिहारी लोग लूजर तो हैं.
जब 1857 का संगà¥à¤°à¤¾à¤® हà¥à¤†, देश के यà¥à¤µà¤¾ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ से लड़ रहे थे तब बिहार के यà¥à¤µà¤¾ ही नहीं 80 साल के बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— à¤à¥€ तलवार उठा कर मैदान में कूदे. जब औरंगजेब के अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से पूरा à¤à¤¾à¤°à¤¤ तà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ था तब बिहार ने ही गà¥à¤°à¥ गोविनà¥à¤¦ सिंह को खड़ा किया. दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सबसे बड़े सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ के खिलाफ जब आवाज उठानी थी तब गाà¤à¤§à¥€ जी ने बिहार और बिहारियों को चà¥à¤¨à¤¾. आज उसी बिहारी को à¤à¤¾à¤°à¤¤ में हिकारत से देखते हैं लोग. हम बिहारी लोग लूजर तो हैं.
पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में शांति और अहिंसा का परà¥à¤¯à¤¾à¤¯ माने जाने वाले बौदà¥à¤§ और जैन धरà¥à¤® की धरती बिहार को आज हतà¥à¤¯à¤¾ और अपहरण के लिठजाना जाने लगा है. विडमà¥à¤¬à¤¨à¤¾ देखिये कि जहाठसे पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में शानà¥à¤¤à¤¿ का सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ जाता था, वहां से हतà¥à¤¯à¤¾, जातीय-हिंसा और जघनà¥à¤¯ अपराधों की खबरें जाती हैं. हम बिहारी लोग लूजर तो हैं.
à¤à¤¾à¤°à¤¤ ही नहीं, दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सबसे उपजाऊ माने जाने वाले à¤à¥Œà¤²à¥‹à¤²à¤¿à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ होने के बावजूद बिहारी किसान आज या तो पंजाब के खेतों में मजदूर बना हà¥à¤† है या महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° और गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ की फैकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में पसीना बहा रहा है या अरब के रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में दिहाड़ी कमा रहा है. हम बिहारी लोग लूजर तो हैं.
दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को पहला लोकतंतà¥à¤° देने वाले लिचà¥à¤›à¤µà¥€ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ की दीवारें आज à¤à¥€ जिस बिहार की धरती में दबी हà¥à¤ˆ हैं, उसी बिहार में लोकतंतà¥à¤° का मजाक बनाते हà¥à¤ à¤à¤• अपराधी की अंगूठा छाप पतà¥à¤¨à¥€ को हमरा मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ बनाकर थोप दिया जाता है. लोकतंतà¥à¤° के मंदिर में हम नेता नहीं अपराधी चà¥à¤¨à¤•à¤° à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ को मजबूर हैं. हम बिहारी लोग लूजर तो हैं.
जब देश के बाकी हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में कोई चायवाला पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पद के लायक बन जाता है, गरीब मछà¥à¤†à¤°à¥‡ का बेटा राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ बन जाता है, हर कोई आरà¥à¤¥à¤¿à¤•-सामजिक रूप से आगे बॠरहा होता है तब, हम पिछड़े से दलित, दलित से अति दलित, अति दलित से महादलित बने जाते हैं. दिलà¥à¤²à¥€ के मà¥à¥šà¤²à¤¿à¤¯à¤¾ सलà¥à¤¤à¤¨à¤¤ के अनाज के गोदाम à¤à¤°à¤¨à¥‡ वाली जमीन का किसान और उसका नेता आज दिलà¥à¤²à¥€ में जाकर à¤à¥€à¤– मांगते हैं. हम बिहारी लोग लूजर तो हैं.
नितीश जी! जब हम विपनà¥à¤¨à¤¤à¤¾ की कगार पर पहà¥à¤šà¥‡, तब अचानक आपके रूप में हमको उमà¥à¤®à¥€à¤¦ की किरण दिखी. लगा कि हमारे पाप à¤à¥€ कटेंगे, हमारा लूजरतà¥à¤µ ख़तम होगा. बाकी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ और देशों के लोगों की तरह हमारी कोई मांग नहीं थी अपने नेता से. हमें अपनी योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ और मेहनत पर पूरा à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ था. हमें तो बस ये चाहिठथा कि जब पूरे देश के साथ हम à¤à¥€ कंधे से कनà¥à¤§à¤¾ मिलाकर आगे बà¥à¥‡à¤‚ तो कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ या लालू जैसा कोई हमारी टांग पकड़ कर खींचे नहीं. हमें गिराठनहीं. दिलà¥à¤²à¥€ और मà¥à¤‚बई वालों की तरह हमें अपनी सरकार से मेटà¥à¤°à¥‹ रेल या फà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¤“वर नहीं चाहिठथा. हमें तो बस ये चाहिठथा कि जब हम बाजार में कोई दूकान खोलें तो ईमानदारी से हमें मेहनत करने दिया जाय. आपको हमने चà¥à¤¨à¤¾ और आपसे हमारी बस à¤à¤• विनती थी कि “आप कà¥à¤› मत कीजियेâ€. आप बस इस कà¥à¤°à¥à¤¸à¥€ पर बैठे रहिये, जिससे कोई लालूनà¥à¤®à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ इसपर न बैठजाà¤. हम इतने में ही संतà¥à¤·à¥à¤Ÿ थे. हम बिहारी लोग मिलकर बिहार को संà¤à¤¾à¤²à¤¨à¥‡ के लिठतैयार थे. किसà¥à¤®à¤¤ के कितने धनी थे हम, हमको आप जैसा नेता मिला. किसà¥à¤®à¤¤ के कितने धनी थे आप, आपको “कà¥à¤› न करने†के लिठचà¥à¤¨à¤¾ गया.
नितीश जी! आपने à¤à¥€ हमारी उमà¥à¤®à¥€à¤¦ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दिया हमें. अगर आप पांच साल “कà¥à¤› नहीं†करते तब à¤à¥€ हम आपको बार-बार मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ की कà¥à¤°à¥à¤¸à¥€ पर बैठाते, लेकिन आपने तो विकास के कारà¥à¤¯ करने शà¥à¤°à¥‚ कर दिà¤. शायद “सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚†की संगति का असर या गठबंधन की मजबूरियां रही होंगी. à¤à¤• दौर à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥€ आया जब आपने बिहार में कà¥à¤› सड़कें बनवा दी, हमको लगने लगा कि बिहार सà¥à¤µà¤°à¥à¤— बन जायेगा अब. जो लोग मनमानी रिशà¥à¤µà¤¤à¤–ोरी करते थे, आपने उनपर लगाम लगायी. रिशà¥à¤µà¤¤ बंद तो नहीं हà¥à¤ˆ, लेकिन ‘मनमानी रिशà¥à¤µà¤¤à¤–ोरी’ की जगह ‘फिकà¥à¤¸à¥à¤¡ रेट’ आ गà¤. हम लूजरà¥à¤¸ ने तो इसी को सà¥à¤¸à¤¾à¤¶à¤¨ मान लिया था. इसी में खà¥à¤¶ थे हम. नितीश जी! लेकिन कहते हैं न “चार दिन की चांदनीâ€. आपको अपनी गलती का अहसास हà¥à¤† और आपने सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• ताकतों से पीछा छà¥à¥œà¤¾à¤¯à¤¾. जिस लालू के जंगलराज से तà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ होकर आपको हमने चà¥à¤¨à¤¾ था, जिस रावण के लिठहमको आपमें राम दिखे, आप उसी रावण के घर-जमाई बन गà¤. हम बिहारी लोग लूजर तो हैं.
नितीश जी! सही कहा आपने लूजर तो हम हैं, लेकिन सोचियेगा कà¤à¥€; दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में शायद ही कोई à¤à¤¸à¤¾ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ हà¥à¤† होगा जिसको “कà¥à¤› न करने†के लिठचà¥à¤¨à¤¾ गया हो, “कà¥à¤› न करने†पर आगे बने रहने का à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ दिया गया हो. और फिर à¤à¥€ “कà¥à¤›â€ करके वो अपनी ये कà¥à¤°à¥à¤¸à¥€ à¤à¥€ गà¤à¤µà¤¾ दे. लूजर तो आप हैं नितीश जी. à¤à¥‚ठबोलते हैं मोदी कि आपका डी à¤à¤¨ ठखराब है. नितीश जी! आपका डी à¤à¤¨ ठनहीं आपकी बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ खराब है. हम तो मजबूरी में लूजर बने थे, आज नहीं तो कल जाग ही जायेंगे. अपनी सोचियेगा. à¤à¤• दिन आप पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पद की दौड़ में थे, आज मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ का पद à¤à¥€ आपके लिठसपना है. जिस लालू से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ दिलाने के लिठहम आपको इतिहास पà¥à¤°à¥à¤· बनाने वाले थे, गांधी, पटेल और जे पी की कतार में रखने वाले थे, और आपने उसी लालू … छोड़िये जाने दीजिये. लूजर कहीं के.
-à¤à¤• बिहारी
नोट: ऊपर वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ कà¥à¤› तथà¥à¤¯; जो आपको आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤œà¤¨à¤• लगें, वो सिरà¥à¤« à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤²à¤¾à¤ª नहीं ठोस आंकड़ों पर आधारित हैं. गूगल कर लीजियेगा.
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